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Showing posts from October, 2019
यही पर पहली बार उनसे मुलाकात हुआ  उनकी चुलबुली बातों  मे क्या बवाल हुआ  बात हुई नजरें मिली इकरार हुआ  उनकी जूठी चाय पर इज़हार हुआ  अजी उस चश्मे  वाली से मुझे प्यार हुआ ll  उनके हसी ठहाके का मैं भी भागीदार हुआ  मिलने पर हाथ मिलाने का शिलशिला भी हुआ  एक दूसरे से लिखित वो संवाद हुआ  स्टेशन पर मिलने का भी करार हुआ  उस चश्मे वाली से मुझे प्यार हुआ ll  बात करते हुए तुम्हारा छत पर आना भी हुआ  बैठे हुए लोगों का इशारा भी हुआ  हवाओं के बहकावे में श्यामल आसमा भी साफ हुआ  मेरे चाँद को देख वो चाँद भी जलकर के कई बार राख हुआ   उस चश्मे वाली से मुझे प्यार हुआ ll  बात बस दो की थी शोर मोहल्ला में हुआ  उधारी थोड़ी से थी नीलाम पूरा घर हुआ  आते जाते लोगो के मज़ाक का हिस्सेदार हुआ  उस चश्मे वाली से मुझे प्यार हुआ ll